Antivirus Kya Hai: आज के इस दौर में हर कोई स्मार्टफोन और लैपटॉप का इस्तेमाल करता हैं। और हम अपने इस Device में अपना डेटा जैसे कि Photos, Videos को save करके रखते हैं। लेकिन आज के समय में जहा हर कोई Internet का इस्तेमाल करने लगा हैं वह पर आपकी एक गल्ती के कारण आपका ये Deta किसी गलत व्यक्ति के पास जा सकता हैं। और ऐसे में वो व्यक्ति आपके Deta का गलत इस्तेमाल कर सकता हैं।

और आपको किसी बड़ी मुश्किल में डाल सकता हैं। अगर आप ये चाहते हैं कि आपको इन सभी दिक्क़तों का सामना न करना पड़े तो ऐसे में आपके Deta को Safe करने के लिए Antivirus के उपयोग से आप अपने Deta को safe कर सकते हैं। आप सभी अगर स्मार्टफोन और कंप्यूटर का इस्तेमाल करते हैं तो आपको Antivirus के बारे में तो पता ही होगा।
और अगर आप इस बात के अज्ञात हैं कि Antivirus क्या होता हैं, और इसका इस्तेमाल कैसे करते हैं। और ये कैसे काम करता हैं। तो इस लेख में अंत तक बने रहे हम आपको Antivirus के बारे में पूरी जानकारी प्रदान करेंगे।
एंटीवायरस सॉफ्टवेयर क्या है – What is Antivirus in Hindi
Antivirus एक सॉफ्टवेयर होता हैं , जिसको आसान भाषा में ये बोल सकते हैं, कि Antivirus आपकी Device के लिए एक Security guard की तरह काम करता हैं। ये आपके कंप्यूटर में अपने वाले virus को scane करता हैं और उसको आपकी Device से Remove या Destroy कर देता हैं। जिससे आपका कंप्यूटर Melissa, Beast Trojan Horse, My Doom जैसे कई वायरसों से सुरछित रहता हैं।
अगर आप अभी अपने कंप्यूटर के लिए किसी अच्छे Antivirus की तलाश कर रहे हैं तो ये कुछ Best Antivirus हैं। जैसे कि kaspersky, quick heal, norton antivirus, mcafee जिसके इस्तेमाल के आप अपने कंप्यूटर को safe कर सकते हैं।
Antivirus किन तरीकों से आपके सिस्टम में Malware का पता लगाता है
एंटीवायरस आपकी Device से वायरस को नस्ट करने के लिए कई प्रकार की तकनीकों का उपयोग करता हैं।जिसकी जानकरी आपको नीचे दी गयी हैं।
- Signature-Based Detection
- Heuristic Analysis
- Behavior Monitoring
- Real-Time Protection
- Regular Updates
- Additional Features
# 1 Signature-Based Detection
एंटीवायरस के पास एक ऐसा डेटा बेस होता हैं, जिसमे वायरस के हस्ताक्षर होते हैं। जब एंटीवायरस हमारे पुरे सिस्टम को स्केन करता हैं। तो वो अपने डेटा बेस में उपस्थित वायरस की जानकारी से हमारे कंप्यूटर में मौजूद सभी फाइल्स को स्कैन करता हैं।
और अगर कोई फाइल किसी वायरस से मैच करती हैं तो एंटीवायरस उस फाइल को वायरस की सूची में अंकित कर देता हैं। इसके बाद हम असानी से उसको कंप्यूटर से Delete कर सकते हैं।
#2 Heuristic Analysis
अब जानते हैं कि एंटीवायरस Heuristic Analysis में Malicious files को कैसे ढूँढता हैं। इसमें Application के कार्यक्रमों और व्यवहार को उसमे अंदर के Code के Patern को देखें जाता हैं। कि वो सॉफ्टवेयर किस तरह Work कर रहा हैं ,
और सॉफ्टवेयर की और टेस्टिंग के लिए उसको Runtime Virtualenviornment में RUN करके देखे जाता हैं। वह पर ये पता चलता हैं। कि सॉफ्टवेयर कैसे काम कर रहा हैं। और अगर कही पर भी Code Malicious लगता हैं , तो उसको एंटीवायरस वायरस की सूचि में डाल देता हैं।
#3 Behavior Monitoring
Behavior Monitoring इसमें सॉफ्टवेयर चल रहे प्रोग्राम के व्यवहार की निगरानी करता हैं और उसको अगर उसमे मैलवेयर गतिविधि का कोई संकेत मिलता हैं , तो एंटीवायरस उस फाइल को Delete कर देता हैं। लेकिन आपकी जानकरी के लिए बतादूँ कि ये तभी किसी File को Delete करता हैं जब वह किसी दूसरी फाइल को Currupt करने की कोई गतिविधि करता हैं।
#4 Real-Time Protection
ये तकनीक आपके सिस्टम की लगातार निगरानी करके Real-Time सुरक्षा प्रदान करता हैं। जिसमें एंटीवायरस फाइल को स्कैन करता हैं। क्योकि उससे एक्सेस, डाउनलोड या निष्पादित किया जाता है। Real-Time Protection आपके कंप्यूटर को मैलवेयर से संक्रमित करने और रोकने में मदद करता हैं। और किसी भी प्रकार की मैलवेयर का पता चलते ही उस पर अपनी कार्रवाई करता हैं।
#5 Regular Updates
अगर आप Virus से अपनी Device को बचाना चाहते हैं , तो Regular Updates इसका बहुत ही अहम हिस्सा हैं। एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर के नियमित अपडेट से ये आपके नवीनतम खतरों की पहचान करने और नए मालवेयर सिग्नेचर, ह्यूरिस्टिक्स के बारे में जानकार बन सके और वक्त आने पर हमारे सिस्टम को उनसे सुरक्षित रख सके।
#6 Additional Features
Additional Features में एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर आपकी डिवाइस में वेब सुरक्षा, ईमेल स्कैनिंग, फ़ायरवॉल एकीकरण और भेद्यता स्कैनिंग शामिल हैं। जो कि आपकी डिवाइस में Malicious websites को ब्लॉक कर देता हैं।
और सिस्टम में होने वाले ईमेल अटैचमेंट को स्कैन करके, नेटवर्क ट्रैफ़िक की निगरानी करता हैं , और सिस्टम में सुरक्षा कमजोरियों की पहचान करके आपके सिस्टम की सुरक्षा को बढ़ाता हैं।
2023 के लिए Best Free Antivirus Software
आपको नीचे कुछ Free Antivirus की सूचि दी गयी हैं। जिसको आप एक समय अवधि तक ही अपनी डिवाइस के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं।
- Avast Antivirus
- AVG AntiVirus
- Avira Antivirus
- Malwarebytes
- Microsoft Defender Antivirus
- 360 Total Security
- Bitdefender Antivirus
2023 के लिए Best Paid Antivirus Software
आपको Paid Antivirus में बहुत से Advance Features देखने के लिए मिलते हैं। जो कि आपको एक Free Advance में नहीं दिए जाते हैं। इसलिए जाता तक हो सके आप सब Paid Antivirus का ही इस्तेमाल करें। इससे आप मन में किसी भी प्रकार की संका नहीं होगी। आपको नीचे कुछ 2023 के Best Antivirus की लिस्ट दी गयी हैं , इन Antivirus को आप बहुत ही Cheap Price में में Online खरीद सकते हैं।
- Total av
- kaspersky
- Quick heal
- Norton antivirus
- Nordvpn antivirus
- Surfshark
- Avira antivirus
- Mcafee
Computer में Antivirus होने के फायदे
- ये आपके कंप्यूटर में वायरस और मैलवेयर का पता लगाता है, और उन्हें ब्लॉक करता है
- ये आपके सिस्टम में सेव पासवर्ड को सुरक्षित रखता हैं।
- यह खतरनाक वेबसाइटों, लिंक, विज्ञापन इत्यादि के बारे में आपको चेतावनी देता है।
- स्पैम और विज्ञापनों को ब्लॉक कर देता हैं।
- हैकर्स से आपका डेटा चोरी होने से बचता हैं।
- आपके कप्यूटर को धीमा और दूषित होने से बचाता हैं।
- ऑनलाइन गतिविधियों और खातों को सुरक्षित रखता है।
- आपके सिस्टम को Smooth Run करने में मदद करता है।
- Internet से किसी भी File की Downloading के दौरान आपके सिस्टम में अपने वाले वायरस को रोकता हैं।
Computer में Antivirus न होने के नुकसान
- आपके सिस्टरम में एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर न होने पर आपका सिस्टम वायरस, मैलवेयर, स्पाईवेयर से संक्रमित हो सकता हैं।
- एंटीवायरस की सुरक्षा के बिना आपके कंप्यूटर में वायरस आ सकता हैं जिससे आपका डेटा किसी गलत हातो में जा सकता हैं।
- अगर आपके कंप्यूटर में वायरस आ गया तो ये आपको सिस्टम को क्रैश कर सकता हैं और आपका पूरा डेटा उड़ा सकता हैं।
- आपके कंप्यूटर में एंटीवायरस न होने पर ये आपके कंप्यूटर की कमजोरी का फायदा उठता हैं और आपके कंप्यूटर से आपके आपकी personal identity जैसे कि आपका पासवर्ड, ऑनलाइन ट्रांजेक्शन डिटेल्स से आपको कुछ की मिनट में सड़क पर ला सकता हैं।
- इंटरनेट पर ऐसे बहुत से किस्से हैं जिसमें मैलवेयर के हमलें से पिछले कई सालों में लोगों के ऑनलाइन बैंकिंग खातों से पैसे उड़ा लिए गए हैं।
FAQ
Ans – दुनिया का पहला एंटीवायरस “क्रीपर” था जिसको सन 1971 में बनाया गया थे।
Ans – एंटीवायरस एक सॉफ्टवेयर हैं जो आपके कंप्यूटर में आने वाले वायरस से आपके कंप्यूटर को बचाता हैं।